हो मार्ग में मेघों का शोर,
हो पथ पर वर्षा हर ओर,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके सूरज जलधर से भिड़ना होगा।
हो पथ पर वर्षा हर ओर,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके सूरज जलधर से भिड़ना होगा।
हो मार्ग में भीषण जीवन-युद्ध,
हो अपने भी तेरे विरुद्ध,
पथिक तुझे लड़ना होगा,
पीड़ा का पहाड़ चढ़ना होगा।
हो अपने भी तेरे विरुद्ध,
पथिक तुझे लड़ना होगा,
पीड़ा का पहाड़ चढ़ना होगा।
हो मार्ग में तिमिर घना,
हो कालिमा से हर हाथ सना,
पथिक तुझे जलना होगा,
बन दीपक प्रकाश भरना होगा।
हो कालिमा से हर हाथ सना,
पथिक तुझे जलना होगा,
बन दीपक प्रकाश भरना होगा।
हो रक्त से पटी ये धरा,
हो घाव ताज़ा या भरा,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके कुंदन अग्नि में गलना होगा।
हो घाव ताज़ा या भरा,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके कुंदन अग्नि में गलना होगा।
-- मुकुंद केशोरैया
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