Thursday, November 4, 2021

दीपावली

दीपावली का यह दीपक,
भर दे प्रकाश मेरे भीतर,
वर दे माँ, वर दे,
कर अंत तिमिर-राज, भू प्रकाश से भर दे।

विजयगान हो सदगुणोँ का,
हो ह्रास अवगुणों का,
वर दे माँ, वर दे,
हो गई निशा गहरी, अब प्रभात कर दे।

अच्छाई की जीत सदा,
शुभ हो अर्जित सम्पदा,
वर दे माँ, वर दे,
हर आँगन शुभ लक्ष्मी चरण धर दे।

-- मुकुंद केशोरैया

Tuesday, November 2, 2021

पथिक तुझे चलना होगा

हो मार्ग में मेघों का शोर,
हो पथ पर वर्षा हर ओर,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके सूरज जलधर से भिड़ना होगा। 

हो मार्ग में भीषण जीवन-युद्ध,
हो अपने भी तेरे विरुद्ध,
पथिक तुझे लड़ना होगा,
पीड़ा का पहाड़ चढ़ना होगा। 

हो मार्ग में तिमिर घना,
हो कालिमा से हर हाथ सना,
पथिक तुझे जलना होगा,
बन दीपक प्रकाश भरना होगा। 

हो रक्त से पटी ये धरा,
हो घाव ताज़ा या भरा,
पथिक तुझे चलना होगा,
बनके कुंदन अग्नि में गलना होगा। 

-- मुकुंद केशोरैया