दीपावली का यह दीपक,
भर दे प्रकाश मेरे भीतर,
वर दे माँ, वर दे,
कर अंत तिमिर-राज, भू प्रकाश से भर दे।
भर दे प्रकाश मेरे भीतर,
वर दे माँ, वर दे,
कर अंत तिमिर-राज, भू प्रकाश से भर दे।
विजयगान हो सदगुणोँ का,
हो ह्रास अवगुणों का,
वर दे माँ, वर दे,
हो गई निशा गहरी, अब प्रभात कर दे।
हो ह्रास अवगुणों का,
वर दे माँ, वर दे,
हो गई निशा गहरी, अब प्रभात कर दे।
अच्छाई की जीत सदा,
शुभ हो अर्जित सम्पदा,
वर दे माँ, वर दे,
हर आँगन शुभ लक्ष्मी चरण धर दे।
शुभ हो अर्जित सम्पदा,
वर दे माँ, वर दे,
हर आँगन शुभ लक्ष्मी चरण धर दे।
-- मुकुंद केशोरैया