Saturday, April 23, 2016

माँ

तू तन्हा नहीं, देख, वो हमेशा तेरे साथ खड़ी है।
वो शरारतें भी पाक़ हो जाएँ, जिनकी यादों से माँ जुडी है ॥

दूर हो जाऊं उससे, ये मुमकिन नहीं।
मेरी हर सांस उसकी मौजूदगी की मुनादी है ॥