तू तन्हा नहीं, देख, वो हमेशा तेरे साथ खड़ी है।
वो शरारतें भी पाक़ हो जाएँ, जिनकी यादों से माँ जुडी है ॥
दूर हो जाऊं उससे, ये मुमकिन नहीं।
मेरी हर सांस उसकी मौजूदगी की मुनादी है ॥
वो शरारतें भी पाक़ हो जाएँ, जिनकी यादों से माँ जुडी है ॥
दूर हो जाऊं उससे, ये मुमकिन नहीं।
मेरी हर सांस उसकी मौजूदगी की मुनादी है ॥