आज १२०० का ओक्सिमीटर, २००० में बिक गया,
इन्सां नाम का भेडिया, और नीचे गिर गया।
य़े कोरोना म्युटेन्ट भी अजब रंग बदल गया,
पर रंग स्याह, इन्सानी चेहरे का हो गया।
अपनी मतलब परस्ती की खातिर, हम आपकी जिन्दगी से खेल जायेगें,
क़ोइ मरता है तो मरे, हम आगे ही बढते जायेंगे।
उन्चीं ईमारत के वास्ते, बुनियाद गहरी जरूरी है,
जितने उसूल नीचे हैं, उतनी बुलन्दी पक्की है।